सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!

बुधवार, जून 16, 2010

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14 टिप्‍पणियां:

  1. पिया मिलन को जाना ......
    ओ ओ पिया मिलन को जाना ......................

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  2. मिलन को आतुर प्रेयसी।

    एक भीगी रात को
    प्रेमी से मिलने को
    नंगे पाँव दौड्ते हुये
    मिलन को आतुर प्रेयसी
    का बदहवास सा
    सुनसान सडक पर
    भागना
    प्रेम की उत्कट
    अभिलाषा का
    प्रतिबिम्ब

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  3. आओ जैसे आए सावन बरसो जैसे बरसे सावन..!!

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  4. आओ जैसे आए सावन बरसो जैसे बरसे बादल..!!

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  5. चित्र अच्छा है इसके लिए हमारे हिसाब से=========
    अधूरे सफ़र का सच
    -----------------
    जय हिन्द जय बुन्देलखण्ड

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  6. रोके हमें न , न आँधी न पानी

    और न अँधेरा ,

    दूर कहीं है अपना सबेरा

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  7. मंजिल दूर है,
    जाना जरूर है,
    अब हौसले हैं बुलंद
    उसे पाना जरूर है.

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  8. रिमझिम बरसात का
    कोहरे या कुहास का
    रिश्ता क्या भला
    मिलन की प्यास से

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